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लेखनी आधे अधूरे मिसरे -प्रसिद्ध पंक्तियाँ काब्य प्रतियोगिता-09-Jul-2023 नर हो न निराश करो मनको

शीर्षक:- नर हो न निराश करो मन को

नर होकर भी तुम इतने अधीर क्यौ हो जाते हो।
नर होकर  तुम इन बाधाऔ से  क्यौ घबराते हो।
इस अनमोल जीवन  को तुम ब्यथा क्यौ गमाते हो।
जो हुआ  उसे भूल जाओ अब इतना क्यौ पछताते हौ।।
ईश्वर ने कितना सुंदर तन दिया फिर क्यौ घबराते हो।
नर होकर भी पथ की बाधाऔ को देख पीछे हट जाते हो।।
आलस छोड़ो  पथ पर दौड़ो मंजिल पाने का प्रयास करो।
बाधाऐं भागेंगी हिमालय  पर चढ़  जाऊँगा ऐसा विश्वास  करो।।
मृग भी अपने जीवन की रक्षा हेतु शेरौ से भी लड़ जाता है।
सागर में गिरने वाला  प्राणौ की खातिर तैरना सीख जाता है।।
नर हो न निराश  करो मन को तुम कुछ  काम  करो।
प्रभु के दिये इस तन कौन तुम यही मत बर्बाद  करौ।।

आधे अधूरे मिसरे/ प्रसिद्ध पंक्तियाँ हेतु रचना।
नरेश शर्मा" पचौरी"

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2 Comments

Gunjan Kamal

14-Jul-2023 09:01 AM

👌👏

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